14. थका-थका क्यों लगता है मुझे

आर्टिकल 14. थका-थका क्यों लगता है मुझे : दीर्घकालिक थकान

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प्रस्तावना (Introduction)

मैं राजेंद्र सिंह राठौर, पोषण एवं स्वास्थ्य में 10+ वर्षों के अनुभव के साथ प्रमाणित न्यूट्रिशनिस्ट हूँ। इस आर्टिकल में हम दीर्घकालिक थकान की चर्चा करेंगे एक ऐसी समस्या जो अब मात्र कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि व्यस्त जीवन जीने वाले लगभग हर व्यक्ति को प्रभावित कर रही है और वो ये सोचता है आखिर थका-थका क्यों लगता है मुझे ।

थका-थका क्यों लगता है मुझे

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी ने हम सभी की जीवन शैली बदल दी है। चाहें वह स्कूल जाने वाला छात्र हो, कॉरपोरेट पेशेवर, गृहिणी, या व्यवसायी, लगभग हर कोई एक ही शिकायत करता हुआ नजर आता है:

“समय कहाँ गायब हो जाता है, पता ही नहीं चलता।”

और “थका-थका क्यों लगता है मुझे।”

इतनी भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवन जीने की आदत ने हमें शारीरिक रूप से ही नहीं, मानसिक रूप से भी थका दिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि अधिकतर लोगों ने दीर्घकालिक थकान की समस्या को अनुभव करना शुरू कर दिया है।

यह थकान कोई साधारण थकावट नहीं है, बल्कि एक गहरी थकान है, जो बार-बार लौटती रहती है, भले ही हम भोजन अच्छा ले रहे हों, नींद भरपूर ले रहे हों, फिर भी थकान नहीं जाती।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की रिपोर्टें दर्शाती हैं कि दीर्घकालिक थकान शारीरिक क्षमता ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर भी असर डाल रही है¹²।

आज अधिकतर लोगों का कहना है:

“पूरा दिन काम किया, फिर भी थकान नहीं गई।”

“भरपूर भोजन किया, फिर भी ऊर्जा ही नहीं आई।”

यह आर्टिकल आपको दीर्घकालिक थकान से जुड़े हर पहलू, कारण, लक्षण, आदतें, जीवन शैली, और इसका समाधान विस्तृत रूप से समझाकर एक स्वास्थ्य पूर्ण जीवन जीने का मार्ग दिखाने का प्रयास करेगा। हमारी जानकारी विश्वसनीय स्त्रोतों पर आधारित रहेगी, ताकि आप इसका लाभ, अधिक आत्मविश्वास के साथ ले सकें।

 

इस आर्टिकल में हम जानेंगे:

दीर्घकालिक थकान असल में है क्या ?

इसका मुख्य कारण कौन-से हैं?

दीर्घकालिक थकान के आम और छिपे हुए, लक्षण कौन से होते हैं?

जीवन शैली की कौन सी आदतें थकान बढ़ाती हैं?

अधिक ऊर्जावान रहने और थकान से बाहर निकलने के लिए कौन-से आसान जीवन शैली बदलाव किए जा सकते हैं?

 

आइये, पहले समझें कि हमारा शरीर दीर्घकालिक थकान का इशारा हमें किस तरह देता है, और इसका शुरुआती लक्षण कौन-से होते हैं…

संदर्भः

¹ WHO, Fatigue and Chronic Fatigue Syndrome

² NIH, Understanding Chronic Fatigue: A Review of Clinical Evidence

 

दीर्घकालिक थकान मतलब लगातार थकान

क्या आप भी हर सुबह बिस्तर से उठने ही साथ थकान महसूस करते हैं, जैसे कि आप रात भर सोये ही नहीं?

क्या ऑफिस या घर के काम शुरू होने से पहले ही आपकी ऊर्जा समाप्त होने लगती है?

क्या आपको ऐसा लगने लगा है कि हर सुबह थकान आपके साथ ही जागती है?

क्या कोई भी काम शुरू करने से पहले आपको ऐसा लगता है कि, “आखिर थका-थका क्यों लगता है मुझे

यदि इसका जवाब “हाँ” है, तो यह कोई साधारण थकान नहीं है , इसका संबंध Chronic Fatigue Syndrome (CFS) या हिंदी में दीर्घकालिक थकान से भी हो सकता है।

यह एक ऐसी अदृश्य समस्या है जो धीरे-धीरे आपके शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक क्षमता और जीवन की गुणवत्ता पर असर डालने लगती है। अधिकतर लोगों ने इसका नाम ही नहीं सुना होता, या फिर वे इसे साधारण थकान या कमजोरी समझ लेते हैं जबकि असल में यह एक जटिल स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए विशेष सावधानियों की जरूरत होती है।

दीर्घकालिक थकान का मतलब क्या ?

Chronic Fatigue Syndrome (CFS) एक ऐसी शारीरिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति लगातार अधिक थकान महसूस करता है, जो पर्याप्त नींद या आराम मिलने पर भी नहीं जाती।

यह एक या दो दिनों की थकान नहीं होती, बल्कि कई सप्ताह या यहाँ तक कि महीनों तक रहती है। इसका असर शारीरिक क्षमता ही नहीं, मानसिक एकाग्रता, निर्णय क्षमता और जीवन जीने की गुणवत्ता पर भी साफ नजर आने लगता है।

 

 

दीर्घकालिक थकान – मुख्य लक्षण (Symptoms)

यदि आप दीर्घकालिक थकान से जूझ रहे हैं, तो आपको ये लक्षण नजर आ सकते हैं ।

सुबह उठते ही थकान महसूस होना, जैसे रात भर ठीक से सो ही नहीं पाए हों।

जरा सी शारीरिक हलचल या काम से ही थक जाना या थका हुआ महसूस करना।

दिमाग पर धुंध जैसा छा जाना (ब्रेन फॉग) — साफ सोचने या निर्णय लेने में मुश्किल आना।

गहरी नींद न आना या अनिंद्रा (इंसोम्निया) — रात भर बार-बार नींद खुलने की समस्या।

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या असुविधा होना।

सिर दर्द या चक्कर आना, असंतुलन जैसा लगना।

मूड अस्थिर या चिड़चिड़ापन अधिक रहने लगना।

भुलक्कड़पन या याददाश्त कमजोर होना।

गला दर्द या बार-बार बुख़ार जैसा अहसास होना।

दीर्घकालिक थकान होने के मुख्य कारण (Possible Causes)

अब आइये जानते हैं कि दीर्घकालिक थकान होने की मुख्य वजहें कौन-कौन सी हैंः

  1. अत्यधिक तनाव और चिंता

लगातार मानसिक तनाव रहने से एड्रिनल ग्रंथि अधिक काम करती रहती है, जिसके फलस्वरूप कोर्टिसोल लेवल असंतुलित होने लगाता है। इसका असर शरीर की ऊर्जा पर भी साफ नजर आता है, जिसके फलस्वरूप थकान अधिक रहती है।

  1. खराब आहार और पोषण की कमी

यदि भोजन में विटामिन B12, विटामिन D, आयरन या मैग्नेशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व नहीं हैं, या अधिकतर भोजन जंक, शुगर या कार्ब्स से भरपूर है, तो इसका असर शरीर की ऊर्जा पर जरूर पड़ेगा।

  1. आंत स्वास्थ्य या गट माइक्रोबायोम असंतुलन

जैसा कि हमारी वेबसाइट पर बताया गया है nutritionkguru.com पर बताया गया है , “गट स्वास्थ्य सुधारने का बड़ा हथियार है प्रोबायोटिक्स।

यदि आंत में अच्छे व बुरे जीवाणुओं का असंतुलन है, तो भोजन से पोषक तत्व ठीक तरह अवशोषित नहीं हो पाते, जिसके फलस्वरूप थकान रहती ही रहती है।

  1. नींद की गुणवत्ता गिरने लगना

केवल 8 घंटे सोने से काम नहीं चलेगा, नींद का गहरा चरण (डीप स्लीप) आना जरूरी है, तभी शरीर खुद की मरम्मत करता है। बार-बार नींद टूटने या नींद हल्की रहने पर थकान अधिक रहती है।

  1. थायरॉइड और हॉर्मोन असंतुलन

खासतौर पर महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन (जैसे PCOS Polycystic Ovary Syndrome, मेनोपॉज) या थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज्म) समस्या होने पर थकान अधिक रहती है।

 

 

समाधान (इलाज और जीवन शैली टिप्स)

यदि दीर्घकालिक थकान ने आपको घेर रखा है, तो घबराने या निराश होने की जरूरत नहीं है। जीवन जीने का ढंग थोड़ा बदलने, आहार सुधारने और मानसिक शांति अपनाने से आप धीरे-धीरे ऊर्जा वापस पा सकते हैं। यहाँ दिए गए टिप्स अपनाकर आप थकान पर विजय पा सकते हैं ।

  1. आंत स्वास्थ्य सुधारें

फाइबर अधिक खाएँ: जौ, दलिया, सेब, केला जैसे भोजन आंतों की सफाई में सहायक होते हैं।

प्रोबायोटिक्स अपनाएँ: दही, छाछ, आचार जैसे प्राकृतिक आहार अच्छे जीवाणुओं की वृद्धि करते हैं।

अधिक जानकारी व टिप्स nutritionkguru.com पर प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स एवं अन्य संबंधी आर्टिकल जरूर पढ़ें।

प्रोबायोटिक्स: गट हेल्थ सुधारने का सबसे बड़ा रहस्यमयी हथियार

न्यूट्रिशन क्यों जरूरी है

 न्यूट्रिशन की आवश्यकता क्यों ?

  1. नींद की गुणवत्ता सुधारें

सोने से 1 घंटे पहले स्क्रीन बंद कर दें (जैसे TV, मोबाईल इत्यादि ) , इसका नींद पर गहरा असर होता है।

गुनगुना पानी पियें, शांत और हल्का संगीत सुनें या कोई पुस्तक पढ़ें, इससे शरीर अधिक शांति महसूस करता है।

रात्रि भोजन या चाय कॉफी अधिक न पियें, इससे नींद प्रभावित होती है।

  1. आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय अपनाएँ

अश्वगंधा या ब्राह्मी जैसे एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटियों से थकान घटने लगती है। एडाप्टोजेनिक एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है जो पौधों में मुख्य रूप से पाया जाता है और यह शरीर में मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है तथा शरीर और मस्तिष्क के संतुलन को बनाने में विशेष रूप से कारगर है । ये उस सभी के लिए विशेष रूप से कारगर हैं जो किसी रूप से किसी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इसे उपयोग करने के लिए इसकी मात्र सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है । अतः किसी योग्य एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें ।

अदरक, हल्दी, तुलसी वाली चाय स्वास्थ्य सुधारने, थकान घटाने और ऊर्जा देने में कारगर होती है।

  1. मानसिक शांति और योग अपनाएँ

अनुलोम-विलोम, गहरी श्वास, प्राणायाम, और शव-आसन मानसिक तनाव घटाकर शरीर-मस्तिष्क का तालमेल सुधारने में सहायक होते हैं।

नित्य योग या ध्यान अपनाकर मानसिक शांति पा सकते हैं, इसका असर शारीरिक ऊर्जा पर भी नजर आता है।

  1. पोषण पर विशेष ध्यान दें

विटामिन B12: अंडे, दूध, पनीर इत्यादि से मिलता है।

विटामिन D: सूरज की हल्की किरणें, मशरूम इसका मुख्य स्त्रोत हैं।

लोह (Iron): पालक, चुकंदर, गुड़ इसका स्तर सुधारने में कारगर हैं।

मैग्नेशियम: बादाम, कद्दू के बीज, साबुत अनाज इसका अच्छा स्त्रोत हैं।

यदि आप चाहें तो किसी उच्च गुणवत्ता के प्राकृतिक रूप से निर्मित सप्प्लिमेंट का उपयोग कर सकते हैं लेकिन किसी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की उचित सलाह से ।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि थकानः

6 सप्ताह से अधिक रहे,

दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित होने लगे,

साथ ही नींद, दर्द, चक्कर या मानसिक असंतुलन होने लगे,

तब अवश्य चिकित्सक से परामर्श लेँ। विशेष रूप से थायरॉइड असंतुलन, अवसाद या आंत स्वास्थ्य समस्याओं की जाँच करवाएँ।

निष्कर्ष

दीर्घकालिक थकान कोई साधारण कमजोरी नहीं, यह एक स्वास्थ्य समस्या है।

यदि आप इसे अनदेखा करेंगे, इसका असर जीवन की गुणवत्ता पर धीरे-धीरे अधिक होता जाएगा। थकान कोई रोग नहीं, बल्कि अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का प्रारंभिक लक्षण अवश्य है।

समय पर सही जानकारी, जीवन शैली में सुधार, आहार पर विशेष नजर, मानसिक शांति, और योग्य चिकित्सक की सलाह अपनाकर आप थकान पर विजय पा सकते हैं और आप ऐसा कभी भी महसूस न करें कि थका-थका क्यों लगता है मुझे ।

स्वस्थ जीवन जीने की चाबी आपके ही हाथ में है!

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