आर्टिकल 12: ऊर्जा अणु या ए.टी.पी.
ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. या एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट क्या है ?
इसको विस्तार से जानने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण बातों को समझना आवश्यक है ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. हमारे शरीर में ऊर्जा के सबसे प्राथमिक स्रोत हैं ।
वास्तव में ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. एक न्यूक्लियोटाइड है जो की Energy Molecule या ऊर्जा अणु के रूप में जाना जाता है । ये शरीर की सबसे मूल आधारभूत संरचना, सेल (Cell) को भी ऊर्जा देने का काम करता है । यह विभिन्न प्रकार की शरीर में होने वाली प्रक्रियाओं को ऊर्जा देता है
न्यूक्लियोटाइड जो कि यह एनर्जी अणु है वह कोशिकाओं में ऊर्जा को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करता है । और जब इसका ऑक्सीडेशन या विखंडन होता है तो ऊर्जा पैदा या एनर्जी रिलीज होती है
न्यूक्लियोटाइड का निर्माण कैसे होता है ?
इसको समझने के लिए आसान भाषा में यदि कहा जाए, तो जब हम भोजन ग्रहण करते हैं तो, उस भोजन से कई तत्व जो कि शरीर के लिए फायदेमंद है, वह शरीर द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं और जो शरीर के लिए फायदेमंद नहीं है या वेस्ट है, वह मल के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिए जाते हैं ।
अब जो तत्व शरीर ने अवशोषित कर लिए हैं, उन्हें जब हम ऑक्सीजन लेते हैं उस ऑक्सीजन लेने के समय की प्रक्रिया के दौरान कुछ ऑक्सीजन के अणु आकर उन तत्वों के साथ मिलते हैं जिससे ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. का निर्माण होता है ।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे भोजन करने के पर उपरांत कुछ समय बाद रक्त में शुगर का लेवल बढ़ जाता है जिसका कारण यह होता है कि हमारे भोजन में जो भी हमने कार्बोहाइड्रेट लिया है वह हमारे शरीर में ग्लूकोज के रूप में परिवर्तित होने लगता है और इसे स्टोर करने के लिए इंसुलिन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
जब यह ग्लूकोस कोशिकाओं में प्रवेश करता है तो, तभी यह इंसुलिन है महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर ग्लाइकोलाइसिस के माध्यम से इसे ब्रेक या विखंडन करके ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. का उत्पादन करता है ।
इसे दूसरी तरह से इस ऐसे भी समझा जा सकता है कि हमने जो खाना खाया उसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, वसा इत्यादि चीज शरीर में अवशोषित कर ली । अब यह सभी चीज शरीर में कई प्रकार की जैविक क्रियाओं के लिए इस्तेमाल की जाती है । और जब हम सांस लेते हैं तो उन ऑक्सीजन के अणुओं के साथ मिलकर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और फैट के श्वशन प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. में बदल दिये जाते हैं ।
ऊर्जा अणु या ए.टी.पी.और माइट्रोकांड्रिया
अब ये ऊर्जा अणु या ए.टी.पी., माइट्रोकांड्रिया में विखंडित किए जाते हैं । माइट्रोकांड्रिया, जो की शरीर की सबसे बेसिक संरचना सेल Cell में पाया जाता है । माइट्रोकांड्रिया को सेल का पावर हाउस भी कहा जाता है । ऑक्सीडेशन के दौरान विखंडित किए ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. से ऊर्जा तथा फ्री रेडिकल पैदा होते है ।
उदाहरण
इसको यदि आसान भाषा में समझा जाए तो, आप लोगों ने देखा होगा की जब कोई लकड़ी जलती है उसमें आग और कार्बन-डाइऑक्साइड निकलती है । और उसके बाद क्या होता है ? ये सारा कुछ प्रक्रिया होने के बाद आग खत्म हो जाती है कार्बन-डाइऑक्साइड निकल के वातावरण में समा जाती है । शेष बच जाती है तो केवल राख़ ।
अर्थात विखंडन की प्रक्रिया के बाद कार्बन डाइऑक्साइड के साथ-साथ जिस प्रकार रख बचती है ठीक उसी प्रकार शरीर में भी ऊर्जा उत्पन्न होने के बाद फ्री रेडिकल बचते हैं । फ्री रेडिकल के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारा यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं – 10: फ्री रेडिकल्स और हेल्थ: आपके शरीर की एनर्जी का छिपा हुआ 1 शक्तिशाली सच
इन सभी बातों का सार यह है कि यदि हमारे शरीर का इंसुलिन सही तरीके से बने तो हमारे शरीर में ऊर्जा अणु या ए.टी.पी. का उत्पादन सही तरीके से होगा । इंसुलिन सही प्रकार से बने इसके लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा मेटाबॉलिज्म सही हो ।
मेटाबॉलिज्म सही करने के उपाय
मेटाबॉलिज्म सही करने के लिए हमें कई ऐसे कार्य हैं जो कि करने होंगे और अपने जीवन शैली में अपनाने होंगे, जिनमें से की प्रमुख है एक अच्छा सकारात्मक सोच या नजरिया । दूसरा उपाय ,एक अच्छी जीवन शैली जिसमें कि योग या एक्सरसाइज शामिल हो।
तीसरा यह कि हम अच्छा और पोषण से युक्त भोजन करें जिससे कि हमारे सेल अच्छे से बने और हमारे शरीर में एनर्जी का प्रवाह सही प्रकार से सुनिश्चित हो सके और हम एक एनर्जेटिक और फुर्ती दायक जीवन जी सके । चौथा. भरपूर या पर्याप्त आराम भी अच्छी सेहत के लिए भी अत्यंत आवश्यक है और हमारा सोचने का नजरिया भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है । यदि हम दिमाग से अच्छा सोचेंगे और सही सोचेंगे तो हमारे शरीर के लिए स्वस्थ जीवन शैली का चयन कर पाएंगे ।
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